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Bihar Land Registry: बाप दादा के जमीन का मौखिक हुआ है बटवारा तो सर्वे से पहले करें ये काम, वरना बढ़ जाएगी मुश्किलें

Bihar Land Survey :  बिहार में जमीन का सर्वे चल रहा है. इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य भूमि के असली मालिक को उसका हक दिलाना और अक्सर लोगों के बीच होनेवाले भूमि विवाद को खत्म करना है. इसके अलावा सरकार गांवों में मौजूद जमीन का डाटा भी अपने पास रखना चाहती है, ताकि अधिग्रहण के वक्त परेशानी ना हो. बिहार में लैंड सर्वे के दौरान जमीन के असली मालिक को सर्वे करने आई टीम को अपनी जमीन से जुड़े अहम दस्तावेज दिखाने हैं, लेकिन बिहार में कई लोगों के पास ऐसी पुश्तैनी जमीन है जिसका सिर्फ मौखिक बंटवारा हुआ है. यानी कागजों पर परिवार के बीच पैतृक जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में रैयतों को सर्वेक्षण के दौरान मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.

मौखिक बंटवारा में परेशानी (Bihar Land Survey )

पूर्वजों के पट्टीदारी की जमीन के मौखिक बंटवारे वाले रैयतों को परेशानी सामने आ रही है. सर्वे के लिए मौखिक बंटवारा मान्य नहीं है. इसमें पट्टीदार के सभी हिस्सदारों के संयुक्त हस्ताक्षर के साथ स्वघोषणा पत्र देना है. इसके लिए फुआ, बहन आदि हिस्सेदारों के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं. यदि फुआ का देहांत हो चुका है तो उनकी सभी संतानों का हस्ताक्षर लेना होगा. सर्वे अधिकारी केवल लिखित दस्तावेज को ही मानेंगे.

मौखिक समझौते पर हुए बंटवारे को सर्वे अधिकारी नहीं मानेंगे. उदाहरण के लिए- अगर किसी के पिता की मृत्यु हो गई हैऔर उनके तीन बेटे हैं तथा तीनों बेटों के बीच संबंधित जमीन का सिर्फ मौखिक बंटवारा हुआ है तो सर्वे अधिकारी इस बंटवारे को नहीं मानेंगे और उक्त जमीन को संयुक्त खतियान में दर्ज करेंगे. ऐसे में इसका उपाय यह है कि फैमिली बंटवारे का निबंधित दस्तावेज संबंधित मालिक जरूर पेश करें. मौखिक बंटवारेकी स्थिति में संयुक्त खतियान बनेगा.

 

भूमि सुधार और राजस्व विभाग ने रैयतों के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की सुविधा शुरू की है. सर्वे की मॉनिटरिंग कर रहे जिला बंदोबस्त पदाधिकारी फिरोज अख्तर ने बताया कि इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है. आवेदन के साथ स्वघोषणा पत्र और जरूरी कागजात प्रपत्र दो और तीन (एक) में अपलोड करना है. प्रपत्र दो स्व घोषणा पत्र और प्रपत्र तीन (एक) वंशावली है. ऑनलाइन आवेदन करनेवाले रैयत को सत्यापन के समय खुद या उनके प्रतिनिधि का हाजिर रहना अनिवार्य है.

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