Thave Wali Mata : भक्त के बुलाने पर इस मंदिर में कामाख्या से चलकर आई थी मां दुर्गा, बेहद चमत्कारी है बिहार का यह मंदिर

Thave Wali Mata : चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और पूरे देश में चैत्र नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है। चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्ति मां दुर्गा के कई चमत्कारी मंदिरों में दर्शन करते हैं। आज हम आपको बिहार के एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताएंगे जहां मां दुर्गा भक्ति के पुकारने पर खुद चल कर आई थी।
बिहार के गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर सिवान जाने वाले मार्ग पर थावे नाम का एक स्थान है, जहां मां थावेवाली मां एक प्राचीन मंदिर (Thawe durga mandir) में विराजती हैं. मां थावे वाली को सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी भक्तजन पुकारते हैं. यह मंदिर 400 साल पुराना है और हर साल यहां नवरात्रि के अवसर पर भारी भीड़ लगती है।
कामाख्या से चलकर आई थी मां दुर्गा (Thave Wali Mata)
थावे मंदिर राजधानी पटना से करीब 180 किलोमीटर दूरी पर बसे गोपालगंज जिले के थावे में स्थित है. मान्यता है कि यहां मां अपने भक्त रहषु के बुलावे पर असम के कमाख्या स्थान (Maa Bhawani Came To Thawe From Kamakhya) से चलकर यहां पहुंची थी.
कहा जाता है कि मां कमाख्या से चलकर कोलकता (काली के रूप में दक्षिणेश्वर स्थन में प्रतिष्ठित), पटना (पटन देवी), आमी (छपरा जिला में मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध स्थान) होते हुए थावे पहुंची थी और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दी थी.
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