Bihar Politics: पाटलिपुत्र सीट से मिशा भारती को इस नेता ने जिताया था चुनाव, अब लालू यादव ने दिया खास इनाम
Bihar Politics: इस बार पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती में चुनाव जीता है और इस सीट से चुनाव जीतना उनके लिए इतना आसान नहीं था। अल्लाह के लाल यादव ने अपनी बेटी को चुनाव जीतने के लिए बेहद परत में किया और उनके इस पर्यटन के बदले मिशा भारती इस चुनाव में जीत हासिल की। पाटलिपुत्र सीट से रामकृपाल यादव को हराना इतना आसान नहीं था लेकिन लालू यादव के एक नेता ने ऐसी रणनीति तैयार की जिसके बाद रामकृपाल यादव का जादू फेल हो गया।
लालू ने जताया विश्वास (Bihar Politics)
जी हां, उस नेता का नाम भाई वीरेंद्र है। भाई वीरेंद्र आरजेडी के विधायक हैं। तेजस्वी यादव और लालू यादव के काफी करीब हैं। भाई वीरेंद्र को लालू के कट्टर समर्थकों में गिना जाता है। भाई वीरेंद्र बेबाक बोलते हैं। अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। पाटलिपुत्र के ही मनेर से भाई वीरेंद्र विधायक हैं। भाई वीरेंद्र की रणनीति ने ऐसा काम किया कि बीजेपी के पांव पाटलिपुत्र से उखड़ गए।
लालू यादव और तेजस्वी यादव ने भाई वीरेंद्र को बड़ा तोहफा दिया है। भाई वीरेंद्र को विधानसभा की लोक लेखा समिति (पब्लिक एकाउंट्स कमेटी) का सभापति बनवा दिया है। चर्चा है कि ये पद आरजेडी विधायक और लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को देने की चर्चा थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तेज प्रताप यादव की जगह लालू ने भाई वीरेंद्र को पसंद किया।
भाई वीरेंद्र का जलवा
भाई वीरेंद्र आरजेडी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। उन्होंने पहली बार 2010 में विधानसभा का चुनाव मनेर से जीता। उन्होंने जेडीयू को हराकर यहां से अपनी जीत दर्ज की। उसके बाद लगातार वे यहां से विजयी होते रहे। भाई वीरेंद्र के आगे किसी भी उम्मीदवार की नहीं चली। भाई वीरेंद्र को स्थानीय लोग बहुत मानते हैं। कहा जाता है कि भाई वीरेंद्र मनेर के घर के विधायक हैं।
कहा जाता है कि जेडीयू की ओर से भाई वीरेंद्र के विजय रथ को रोकने का जिम्मा निखिल आनंद को दिया गया था। निखिल आनंद भी भाई वीरेंद्र के आगे चुनाव हार गए। भाई वीरेंद्र ने तीसरी बार वहां 60 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता। भाई वीरेंद्र के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने लालू की बेटी के लिए विशेष कैंपेन किया। रात में गांव में ठहरते रहे। लोगों के बीच जाकर मीसा भारती को जीत दिलाने की अपील की। भाई वीरेंद्र ने दिन-रात क्षेत्र में बिताया। आखिर में मीसा को जीत दिलाकर ही मानें।